दलाई लामा 2.0: 90वां बर्थडे धमाका- उत्तराधिकारी पर चीन को बड़ा झटका

सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक
सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक

6 जुलाई से पहले ही बिगड़ी बीजिंग की बाइट।  तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन की पार्टी शुरू होने से पहले ही चीन की नींद उड़ा दी है। उन्होंने 2011 वाले बयान की फिर से घुंघरू बजाते हुए घोषणा कर दी है कि “बेटा, दलाई लामा की परंपरा न तो Netflix की सीरीज है और न ही चीन की सरकारी योजना – ये तिब्बत की आत्मा है!”

चीन की ‘पंचेन प्लान’ को मिली फिर से पेंच!

1995 में चीन ने जबरन ग्याल्त्सेन नोरबू को पंचेन लामा बना दिया – एक ऐसा पंचेन, जिसे बौद्ध खुद पहचानने से इनकार कर चुके हैं। वहीं असली पंचेन लामा, गेधुन चोएक्यी न्यिमा, आज भी ‘लापता’ हैं। चीन को लगता है कि वह धर्म का ‘Made in China’ वर्जन बनाकर दुनिया को बेवकूफ बना लेगा। पर दलाई लामा ने साफ कर दिया है – “हमारा उत्तराधिकारी Beijing से नहीं, belief से आएगा!

90 की उम्र में दलाई लामा: नए अवतार का खुलासा- शिशु नहीं, व्यस्क भी चलेगा!

अब तक तो यही समझा जाता था कि दलाई लामा का पुनर्जन्म होगा, और वो भी एक बच्चे के रूप में। लेकिन इस बार twist आया है – दलाई लामा ने “Voice for the Voiceless” नाम की अपनी किताब में लिखा है कि उनका उत्तराधिकारी व्यस्क भी हो सकता है! चीन के दखल को दरकिनार करने के लिए यह सबसे बड़ा धार्मिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

बाहर ही होगा नया दलाई लामा का जन्म!

दलाई लामा ने यह भी इशारा दिया है कि अगला दलाई लामा चीन के बाहर, किसी स्वतंत्र देश में पैदा होगा। यानी Beijing को दरकिनार करके धर्मशाला, नेपाल, मंगोलिया या शायद अमेरिका तक कोई संभावना खुल सकती है।

गाडेन फोडरंग ट्रस्ट बोले – ‘हमारे घर का मामला है, चीन दूर रहे!’

दलाई लामा ने दो टूक कहा है – उत्तराधिकारी की पहचान का जिम्मा गाडेन फोडरंग ट्रस्ट के पास होगा। इस पर न तो चीन की सरकार और न ही उनका ड्रैगन कोई टिप्पणी करेगा। यानी जो बात “घर की” है, उसमें “बाहरी चाचा” की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं होगी।

‘भिक्षु के वेश में भेड़िया’? – चीन का बयान और तिब्बती जवाब

चीन के सरकारी बयान दलाई लामा को ‘भिक्षु के वेश में भेड़िया’ बताते हैं। लेकिन तिब्बतियों के लिए वे आज भी स्वतंत्रता, करुणा और धर्म के प्रतीक हैं।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता की बात सुनिए चीन बाबू!

दलाई लामा को 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। और हां, तब से अब तक उन्होंने कोई एटम बम नहीं चलाया – सिर्फ प्रेम और धैर्य फैलाया है।

6 जुलाई: बड़े ऐलान की तैयारी!

धर्मशाला के मैक्लॉडगंज में रविवार को 90वां जन्मदिन मनाने वाले दलाई लामा, संभवतः अपने उत्तराधिकारी की झलक या नाम भी दे सकते हैं। तिब्बती मंत्रियों और केंद्रीय प्रशासन ने भी इसकी संभावना जताई है।

क्या होगा नया चेहरा?
क्या बदलेगी परंपरा?
क्या चीन को मिलेगा करारा जवाब?

 ये सब तय होगा 6 जुलाई को। तब तक चीन को एक ही काम करना है – “ध्यान लगाओ और दलाई लामा की बातें सुनो!”

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